आशियाना मेरा सज गया उस परी के आने से. आशियाना मेरा सज गया उस परी के आने से.
दूर जाने पर, आँखें फूट-फूट कर, रोती थीं। दूर जाने पर, आँखें फूट-फूट कर, रोती थीं।
गलियारों से गुजर कर खलिहानों से निकलना था उसे अनजान अस्तित्व से वो लहरों से कहीं लड़ना गलियारों से गुजर कर खलिहानों से निकलना था उसे अनजान अस्तित्व से वो लहरों से क...
वो थी वो थी
मैं उस बगिया की गरिमा हूँ जहाँ आकर मैं इस घर की बेटी कहलाई। मैं उस बगिया की गरिमा हूँ जहाँ आकर मैं इस घर की बेटी कहलाई।
तुमसे जो मिले आशी .. लगा किसी ख्वाब की फूल हो जैसे ... सुकून मिले यूँ की... हर आश में रहे आशी ... तुमसे जो मिले आशी .. लगा किसी ख्वाब की फूल हो जैसे ... सुकून मिले यूँ की... ...